Friday, October 27, 2023

चंद्र ग्रहण 2023 समय, सूतक काल व साधना की जानकारी

 

चंद्र ग्रहण 2023


साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 28 और 29 अक्टूबर की मध्यरात्रि को लगने जा रहा है. 

साथ ही इस दिन शरद पूर्णिमा भी है. ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण लगना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. 

इस बार लगने वाला चंद्र ग्रहण आंशिक होगा.  

2023 के आखिरी चंद्र ग्रहण को लेकर लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं 

कि क्या ये चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा और आखिर क्या इसका समय होगा. चलिए जानते हैं. 


भारत में 28 अक्टूबर को लगेगा चंद्र ग्रहण

इस महीने 28-29 अक्टूबर की रात में लगने वाला चंद्र ग्रहण पूरे भारतवर्ष में दृष्टिगोचर होगा. 

वैसे तो 28 अक्टूबर की रात 11.30 बजे से चांद पर हल्की छाया पड़ना शुरू हो जाएगी. 

हालांकी सूतक काल इसके हिसाब से नहीं बल्कि गहरी छाया पड़ने के 9 घंटे पहले ही माना जाता है.

29 अक्टूबर की रात 1 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर 2 बजकर 24 मिनट पर खत्म होगा 

यानी ये एक घंटा 19 मिनट का होगा. ग्रहण का आरंभ मध्य रात्रि 1 बजकर 5 मिनट, मध्य 1 बजकर 44 मिनट 

और ग्रहण का मोक्ष 2 बजकर 40 मिनट पर होगा. 


चंद्र ग्रहण के सूतक काल की समय

28-29 अक्टूबर को खंडग्रास चंद्र ग्रहण चूंकि रात 1 बजकर 5 मिनट पर लग रहा है 

इसलिए इसका सूतक काल 9 घंटे पहले यानी 28 अक्टूबर की शाम 04 बजकर 05 मिनट से लग जाएगा. 

यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखेगा देगा


*चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023* 

यह चंद्र ग्रहण भारत मे दृश्य है इसलिए सूतक काल मान्य होगा 

 *ग्रहण 28 की रात 11:30 से लगेगा* 

 *मुख्य चरण 29 रात्रि 1 :05 से शुरू होकर रात्रि 02 :24 मिनट तक रहेगा* 

 *ग्रहण समाप्त रात्रि 02 :40 पर होगा* 

 *सूतक काल समय :-* 9 घंटे पहले से यानी 28 को शाम 4 :05 मिनट से ग्रहण समाप्ति तक


इस ग्रहण में कोई भी सप्सरा या यक्षणी साधना जल्दी सिद्ध होती है

इसलिए मैने इस बार साधकों के लिए अपने टेलीग्राम निशुल्क ग्रुप में चंद्रा अप्सरा साधना दी है 

साधक 28 की रात्रि 11:30 बजे से अपनी साधना आरंभ कर सकते हैं 

पूरी जानकारी हमने वीडियो में भी दी है आप देख सकते है 

https://youtu.be/H-MNNlqgth4?si=ubGO0OIdwln_IYTL





भैरव वीरेन्द्र रूद्रनाथ अघोरी

वैदिक तंत्र साधना संस्थान

8923400693


Saturday, October 14, 2023

नवरात्रि में माता लक्ष्मी करेंगी धन की बरसात / Navratri main Dhan ki Barshat


 

नवरात्रि के 9 दिन करें ये उपाय तो पूरी साल धन संबंधित समस्या नही रहेगी


जैसी की देवी पुराण में वर्णित है कि इस बर्ष माता हाथी पर सवार होकर गजवाहिनी रूप में आएंगी

आपको नवरात्रि के प्रथम दिन एक लाल वस्त्र पर चावल की ढेरी बनाकर उसपर श्री यंत्र स्थापित करना है 

उसके चारों कोनों पर एक एक गुलाब का फूल रखें मध्य में एक एक सुपारी रखें

अब माता दुर्गा का पूजन करें ,माता को श्रृंगार चढ़ाए, चुनरी उड़ाएं 

भोग में एक पान, पंचमेवा, सुपारी, बूंदी लड्डू, एक लांग का जोड़ा बतासे सहित दें


अब माता लक्ष्मी का आवाहन करें श्री यंत्र पर उनका पूजन करें 

हल्दी रोली से पैर पूजे, साबुत हल्दी व धनिया, कमलगट्टे, समुद्री झाग व 5 कोड़ी अर्पित करें ये माता को अधिक प्रिये है

भोग में केसर व मखाने की खीर दें 

सदैव घर मे निवास करने की प्रार्थना करें

कपूर से आरती करें आरती को घर मे मुख्य गेट पर अवश्य दिखाएं


अब अगले दिन से केवल पूजन करें भोग लगाएं, ओर एक सुपारी दें 

आरती करें ये क्रम 9 दिन करें 

दशहरे वाले दिन सुबह सारी सामग्री को उस लाल कपड़े में बांधकर पोटली बना लें 

ओर जहां भी आप धन रखते हो वहां रख दें व यंत्र को पूजा स्थान में रख दें नित्य पूजन करें


आप चमत्कारी रूप से देखोगे की आपके धन के मार्ग खुलने लगेंगे

व्यापार में व्रद्धि होने लगेगी माता लक्ष्मी की कृपा आपको मिलने लगेगी


भैरव वीरेन्द्र रूद्रनाथ अघोरी

वैदिक तंत्र साधना संस्थान

8923400693

Friday, October 13, 2023

शारदीय नवरात्रि 2023 प्रमुख तिथियां / Shardiyan Navratri 2023 dates

 

नवरात्रि 2023 हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है. 

मां दुर्गा की उपासना का पर्व साल में चार बार आता है. जिसमें दो गुप्त नवरात्रि और दो चैत्र व शारदीय नवरात्रि होती है. शारदीय नवरात्रि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है. 

इस बार नवरात्रि की शुरुआत रविवार 15 अक्टूबर 2023 से होगी। 

23 अक्टूबर 2023 को नवरात्रि समाप्त होगी. 

वहीं 24 अक्टूबर विजयादशमी या दशहरा का पर्व मनाया जाएगा.


शारदीय नवरात्रि मे कलश स्थापना शुभ मुहूर्त

 पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि को यानी पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15 अक्टूबर को 11:44 मिनट से दोपहर 12:30 तक है. ऐसे में कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त इस साल 46 मिनट ही रहेगा.

घटस्थापना तिथि:  रविवार 15 अक्टूबर 2023

घटस्थापना मुहूर्त:  प्रातः 06:30 मिनट से प्रातः 08:47  मिनट तक

अभिजित मुहूर्त: सुबह 11:44 मिनट से दोपहर 12:30 मिनट तक (अभिजित मुहूर्त में देवी की स्थापना सबसे शुभ मानी जाती है)

देवीभाग्वत पुराण में जिक्र किया गया है कि 

शशि सूर्य गजरुढा शनिभौमै तुरंगमे। 

गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता. 

इस श्लोक में सप्ताह के सातों दिनों के अनुसार देवी के आगमन का अलग-अलग वाहन बताया गया है.

अगर नवरात्रि का आरंभ सोमवार या रविवार को हो तो इसका मतलब है कि माता हाथी पर आएंगी.

शनिवार और मंगलवार को माता अश्व यानी घोड़े पर सवार होकर आती हैं.

गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्रि का आरंभ हो रहा हो तब माता डोली पर आती हैं.

बुधवार के दिन नवरात्रि पूजा आरंभ होने पर माता नाव पर आरुढ़ होकर आती हैं.


शारदीय नवरात्रि 2023 तिथियां

15 अक्टूबर 2023 - मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि

16 अक्टूबर 2023 - मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन) द्वितीया तिथि

17 अक्टूबर 2023 - मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन) तृतीया तिथि

18 अक्टूबर 2023 - मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि

19 अक्टूबर 2023 - मां स्कंदमाता (पांचवा दिन) पंचमी तिथि

20 अक्टूबर 2023 - मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि

21 अक्टूबर 2023 - मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि

22 अक्टूबर 2023 - मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी          

23 अक्टूबर 2023 - महानवमी, (नौवां दिन) शरद नवरात्र व्रत पारण

24 अक्टूबर 2023 - मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी तिथि (दशहरा)


भैरव वीरेन्द्र रूद्रनाथ अघोरी

वैदिक तंत्र साधना संस्थान

8923400693