शक्ति से तीन वचन कैसे और क्या ले ?
तीन वचन
कुछ साधक साधना करते है तो उनकी साधना जब सफल होती है
तो उने समस्या होती है कि देव के प्रत्यक्ष होने पर क्या करे
आज मे बताता हू कि देव से किस प्रकार वचन लिये जाते है
साधना के अन्तिम दिन विशेष तैयारी करनी चाहिये, चाहे साधना किसी की है
गुलाब के फूलो की माला अवश्य अपने पास रखे
देव के प्रत्यक्ष होने पर डरें नही
देव हमेशा जाप पूरा होने से पहले ही प्रत्यक्ष हो जाते है और कभी कभी कुछ समय भी लेते हैं
लेकिन जब तक जाप पूरा ना हो जाये हमें आसन नही छोडना है चाहे जो हो जाये
जाप पूरा होने के बाद उठकर उन्हें प्रणाम करे
कभी कभी किसी कारण से देव प्रत्यक्ष न हो तो माला का जाप उस रात बढा देना चाहिये तब तक जब तक देव प्रत्यक्ष न हो
देव के आने पर माला गले मे डाल दें
जब वो पूछे कि क्या चाहिये या मे क्या काम करू या मेरे लिये क्या आज्ञा है या मुझे क्यो याद किया है तो उससे कहे
पहला वचन - कि मै जब भी, जैसे भी, जहाँ भी आपको याद करू तो आपको आना होगा
तब वह देव कहेगा कि मे अमुक मंदिर या किसी अन्य विशेष जगह पर नही आ सकता
तो आप समझ कर हॉ करे नही तो उससे कुछ और शर्ते लगा कर हॉ करे
दूसरा वचन - कि मे जिस कार्य को कहू वो पूरा करे
तब वह देव कहेगा कि ठीक है लेकिन मे गलत काम या अमुक नही करूगा
तब उससे कह दे कि गलत कार्य आ पडा जरूरी हो तो आपको करना होगा
लेकिन मे नार्मल नही करवाउगा फिर जैसे सैदा हो जाये
तीसरा वचन- कि किसी कारण चाहे कोई गलती हो तुम मुझे या मेरे परिवार को किसी भी तरह से परेशान नही करोगे,
डराओगे नही सताओगे नही और सदैव रक्षा करोगे
इस प्रकार आपको तीन वचन किसी भी शक्ति से लेनी होते है
समय और शक्ति के अनुसार वचनों में बदलाव भी किया जाता है जो की साधक के बुद्धि विवेक पर निर्भर करेगा
यदि कुछ समझ न आए तो आप मुझे कॉल भी कर सकते हो
भैरव वीरेन्द्र रूद्रनाथ अघोरी
वैदिक तंत्र साधना संस्थान
8923400693