Monday, September 11, 2023

शक्ति से तीन वचन लेना / Shakti Se Teen Vachan Lena

 


शक्ति से तीन वचन कैसे और क्या ले ?

तीन वचन


कुछ साधक साधना करते है तो उनकी साधना जब सफल होती है 

तो उने समस्या होती है कि देव के प्रत्यक्ष होने पर क्या करे

आज मे बताता हू कि देव से किस प्रकार वचन लिये जाते है

साधना  के अन्तिम दिन विशेष तैयारी करनी चाहिये, चाहे साधना किसी की है

गुलाब के फूलो की माला अवश्य अपने पास रखे


देव के प्रत्यक्ष होने पर डरें नही

देव हमेशा जाप पूरा होने से पहले ही प्रत्यक्ष हो जाते है और कभी कभी कुछ समय भी लेते हैं 

लेकिन जब तक जाप पूरा ना हो जाये हमें आसन नही छोडना है चाहे जो हो जाये

जाप पूरा होने के बाद उठकर उन्हें प्रणाम करे

कभी कभी किसी कारण से देव प्रत्यक्ष न हो तो माला का जाप उस रात बढा देना चाहिये तब तक जब तक देव प्रत्यक्ष न हो

देव के आने पर माला गले मे डाल दें

जब वो पूछे कि क्या चाहिये या मे क्या काम करू या मेरे लिये क्या आज्ञा है या मुझे क्यो याद किया है तो उससे कहे  


पहला वचन - कि मै जब भी, जैसे भी, जहाँ भी आपको याद करू तो आपको आना होगा 

तब वह देव कहेगा कि मे अमुक मंदिर या किसी अन्य विशेष जगह पर नही आ सकता 

तो आप समझ कर हॉ करे नही तो उससे कुछ और शर्ते लगा कर हॉ करे


दूसरा वचन - कि मे जिस कार्य को कहू वो पूरा करे

तब वह देव कहेगा कि ठीक है लेकिन मे गलत काम या अमुक नही करूगा

तब उससे कह दे कि गलत कार्य आ पडा जरूरी हो तो आपको करना होगा

लेकिन मे नार्मल नही करवाउगा फिर जैसे सैदा हो जाये


तीसरा वचन- कि किसी कारण चाहे कोई गलती हो तुम मुझे या मेरे परिवार को किसी भी तरह से परेशान नही करोगे,  

डराओगे नही सताओगे नही और सदैव रक्षा करोगे


इस प्रकार आपको तीन वचन किसी भी शक्ति से लेनी होते है 

समय और शक्ति के अनुसार वचनों में बदलाव भी किया जाता है जो की साधक के बुद्धि विवेक पर निर्भर करेगा

यदि कुछ समझ न आए तो आप मुझे कॉल भी कर सकते हो 


भैरव वीरेन्द्र रूद्रनाथ अघोरी

वैदिक तंत्र साधना संस्थान

8923400693

इस्लामिक पूजन पद्धति / Islamik Pujan Padhiti

 


इस्लामिक पूजन पद्धति 


आज मे आपको मुस्लिम पूजन की विधि बता रहा हू मुस्लिम तरीके हिन्दू तरीके से काफी अलग है

मुस्लिम साधनाओं के असफल होने का एक मुख्य कारण ठीक से पूजन न आना भी है

साधक को चाहिए कि वह पूरी इस्लामिक साधना को बज्रासन में ही करें न की शुखासान में

यदि ना बैठा जा रहा हू तो सुखासन मे ही कर लें अगर हो सके तो पूजन को वज्र आसन मे कर लें 

जाप के समय सुखासन मे बैठ जायें 


पूजन विधि 

पूजन के लिये सबसे पहले नहा धोकर या वजू करके आसन पर बैठे 

( बजू यह एक मुस्लिम तरीका है अपने शरीर को शुद्ध करने का जैसे हिंदुओं में पवित्रीकरण)

 इनमें सबसे पहले अपने उस्ताद यानि गुरू की पूजा करें 

 फिर मोहम्मद साहब का पूजन करें 

 फिर जिस पीर फकीर को मानते हो उसकी पूजा करें फिर 

 सरजमीं के सभी बुजुर्गों ( पितरों ) की पूजा करें , फिर स्थान देव की पूजा करें 

 इनकी साधना पूजन हमेशा हरे रंग के आसन पर बैठकर करें 

पहनने के वस्त्र सफेद रहते है ये साधना हमेशा पश्चिम मुख होकर करते है 

मुस्लिम साधना वज्र आसन पर बैठकर जल्दी फलित होती है

कुछ विशेष साधनाओ को छोड़कर सामने घी का दीपक जला लें , पॉच अगरबत्ती लगा लें 


इन साधनाओ और पूजन , जाप मे संकल्प नही लिया जाता 

सबसे पहले गुरू का पूजन करें  पंचोपचार हिन्दू तरीके से

 इसके बाद मोहम्मद साहब का , पूजन करना है मुस्किल तरीके से 

यदि कोई पीर फकीर घर मे पूजा जाता हो तो उसका पूजन किया जाता है 

 फिर शक्ति को बुलाया जाता है याद रखना नार्मल बोलकर बुलाते है ( संस्कृत में आवाहन नही करते )

 उसका पूजन दिया जाता मुस्लिम साधना पूजन मे पुस्प और इत्र सुगन्धित वस्तु अधिक प्रयोग करना चाहिये 

 माला बाये हाथ से घुमायी जाती है अंदर से बाहर की ओर 


पूजन विधि मुस्लिम तरीका 

नहा धोकर आसन पर वज्रआसन पर बैठे सबसे पहले दीपक जला ले अगरबत्ती जला ले या लोभान जला लें 

फिर जिसकी पूजा देनी है उसे केवल बुला लें उनके आने पर उनके हाथ चूमें पैर नही छुये जाते बैठने को कहें 

पैर नही धोये जाते कलावा नही दिया जाता चावल नही दिये जाते इत्र का फॉया दें 

पुष्प फूल दें चंदन सिन्दूर का प्रयोग नही किया जाता है 

 अगरबत्ती दें चिरागी दें ( दीपक ) चिरागी हमेशा घी की लगाये लोभान अगरबत्ती दें

 मिठाई का या बताशे का भोग दें पीने को पानी दें और 

हाथ उठाकर उनसे दुआ मॉगे कि मेरी पूजा , साधना सफल हों 

ऐेसा केवल जो मुस्लिम देव है उनके पूजन मे करें

हिन्दू देवो के पूजन को पंचोपचार हिन्दू तरीके से ही करें

 मुस्लिम साधना वज्र आसन पर बैठकर जल्दी फलित होती है

 समस्त क्रिया करने से पहले बिसिमिल्ला बोलना अनिवार्य होता है 

 सफेद जालीदार बनियान सिर पर टोपी हो ना हो तो सफेद रूमाल से सर ढक लें नीचे तहमद पहना हो 

माला हमेशा तसबी प्रयोग करनी चाहिये नही मिलें तो हकीक सफेद रंग का लाल , काली हकीक माला से भी जाप किये जाते है


भैरव वीरेन्द्र रूद्रनाथ अघोरी

वैदिक तंत्र साधना संस्थान

8923400693