Tuesday, March 05, 2024

माला प्राण प्रतिष्ठा विधि / Mala Pran Prtistha Vidhi

 


वैदिक तंत्र साधना संस्थान

जाप माला को जागृत ( प्रतिष्ठित ) करना


( वैसे तो तंत्र मैं प्राण प्रतिष्ठित माला का विशेष महत्व नहीं है क्योंकि तंत्र भाव प्रधान है 

तो आप पूर्ण भाव से यदि कंकड़ की माला बनाकर जाप करते हो तो भी सफलता मिलेगी ) 

यह विधान में उन लोगों के लिए दे रहा हूं जिन्हें लगता है प्राण प्रतिष्ठित माला से जाप करने से उनकी साधना एक बार में सफल हो जाएगी

भारतीय वैदिक संस्कृति में प्राण प्रतिष्ठा या जागृति का विशेष महत्व है 

मंत्रों द्वारा किसी भी यंत्र, मूर्ति ,माला या विशेष कोई अस्त्र को अभिमंत्रित करके उसे प्राण प्रतिष्ठित करके स्थापित किया जाता है

यह देखा जाता है की मंदिरों में मूर्तियों को भी प्राण प्रतिष्ठित किया जाता है 

प्राण प्रतिष्ठा का मतलब होता है अपनी प्राण ऊर्जा, आत्मउर्जा को किसी भी निर्जीव वस्तु में स्थानांतरित करके उसे ऊर्जावान बनाना

प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति या यंत्र का पूजन करने से फल कई गुना अधिक मिलता है 

या प्राण प्रतिष्ठित माला से जाप करने से जाप का फल भी कई गुना बढ़ जाता है

तो आज आप सभी को मैं माला को प्राण प्रतिष्ठित करने की विधि देने जा रहा हूं 

जिसे आप स्वयं कर सकते हो और अपनी किसी भी माल को जागृत कर सकते हो 

चाहे वह रुद्राक्ष ,स्फटिक ,काले हकीक, तुलसी या चंदन की हो


बाजार से माला लेते समय आपको माला का हर एक मनका देखना है कि वह टूटा फूटा ना हो मोती में किसी प्रकार की चटक ना हो ( ज्यादा असली नकली के चक्कर में नहीं पड़ना है बस पूर्ण विश्वास के साथ खरीद ले )

किसी भी रविवार या सोमवार वाले दिन सुबह नहा धोकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर लाल वस्त्र पहनकर उत्तर दिशा की तरफ मुख करके लाल आसन पर बैठे 

 अपने साथ गुरु पूजन की सारी सामग्री तथा निम्न सामग्री रखें कच्चा दूध, गंगाजल, स्वच्छ जल, चंदन, पीपल के पत्ते 11, एक बड़ी थाली

सबसे पहले अपने सामने खाली रखें और उसमें पीपल के पत्ते बिछा लें 

अब उन पीपल के पत्तों पर जिस माला को प्राण प्रतिष्ठित करना है उसको रखें

अब पहले गुरु का पंचोपचार पूजन करें भोग में बुंददी लड्डू दें

फिर माला को साफ पानी से धो लें ,

फिर गंगाजल से धुलें, फिर कच्चे दूध से स्नान कराएं उसके बाद पुनः साफ जल से धुले

इतना करने के बाद पुनः उसे पत्तों पर स्थापित करें अब चंदन से टीका करें और धूप दीप करें

अब अपने दोनों अंगूठे माला के सुमेरु पर लगाएं और दिए गए मंत्र का कम से कम 30   मिनट तक जाप करें 

उसके बाद माला को दाहिने हाथ में लेकर बिना तर्जनी उंगली का स्पर्श किये मध्यमा उँगली से मंत्र का 11 माला जाप करें 


जाप की संख्या निश्चित नही है आप 11, 21, 31 या जितनी कर सकते हो या जितनी ऊर्जा आपको माला में डालनी है 

उतना कर सकते हो।


 दिव्य मंत्र

 ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं ( रुद्राक्ष ) अक्षमालिकायें प्राण प्राणाय जाग्रति कुरु कुरु नमः


मंत्र में जहां रुद्राक्ष लिखा है आप वहां माला का नाम बदल सकते हैं जैसे हकीक, चंदन आदि


 भैरव वीरेन्द्र रुद्रनाथ अघोरी

वैदिक तंत्र साधना संस्थान®

*89234 00693*

शिवलिंग पर चढ़ाएं ये वस्तुएं/ Shivling Par Chadaiyn Ye


 वैदिक तंत्र साधना संस्थान®

बिल्व वृक्ष की अद्भुत जानकारी


🌿1. बिल्व वृक्ष के आसपास सांप नहीं आते ।

🌿2. अगर किसी की शव यात्रा बिल्व वृक्ष की छाया से होकर गुजरे तो उसका मोक्ष हो जाता है ।

🌿3. वायुमंडल में व्याप्त अशुध्दियों को सोखने की क्षमता सबसे ज्यादा बिल्व वृक्ष में होती है ।

🌿4. चार पांच छः या सात पत्तो वाले बिल्व पत्रक पाने वाला परम भाग्यशाली और शिव को अर्पण करने से अनंत गुना फल मिलता है ।

🌿5. बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है। और बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है।

🌿6. सुबह शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापो का नाश होता है।

🌿7. बेल वृक्ष को सींचने से पितर तृप्त होते है।

🌿8. बेल वृक्ष और सफ़ेद आक् को जोड़े से लगाने पर अटूट लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

🌿9. बेल पत्र और ताम्र धातु के एक विशेष प्रयोग से ऋषि मुनि स्वर्ण धातु का उत्पादन करते थे ।

🌿10. जीवन में सिर्फ एक बार और वो भी यदि भूल से भी शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ा दिया हो तो भी उसके सारे पाप मुक्त हो जाते है ।

🌿11. बेल वृक्ष का रोपण, पोषण और संवर्धन करने से महादेव कृपा प्राप्त होती है।


🌿कृपया बिल्व पत्र का पेड़ जरूर लगाये । बिल्व पत्र के लिए पेड़ को क्षति न पहुचाएं।


शिवजी की पूजा में ध्यान रखने योग्य बात:-


शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को कौन सी चीज़ चढाने से क्या फल मिलता है । किसी भी देवी-देवता का पूजन करते वक़्त उनको अनेक चीज़ें अर्पित की जाती है। प्रायः भगवन को अर्पित की जाने वाली हर चीज़ का फल अलग होता है। शिव पुराण में इस बात का वर्णन

मिलता है कि भगवन शिव को अर्पित करने वाली अलग-अलग चीज़ों का क्या फल होता है।

शिवपुराण के अनुसार जानिए कौन सा अनाज भगवान शिव को चढ़ाने से क्या फल मिलता है:

👉1. भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।

👉2. तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाताहै।

👉3. जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।

👉4. गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।


शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन सा रस(द्रव्य) चढ़ाने से उसका क्या फल मिलता है।


🚩1. ज्वर (बुखार) होने पर भगवान शिव को जलधारा चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जलधारा द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।

🚩2. नपुंसक व्यक्ति अगर शुद्ध घी से भगवान शिव का अभिषेक करे, ब्राह्मणों को भोजन कराए तथा सोमवार का व्रत करे तो उसकी समस्या का निदान संभव है।

🚩3. तेज दिमाग के लिए शक्कर मिश्रित दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।

🚩4. सुगंधित तेल से भगवान शिव का अभिषेक करने पर समृद्धि में वृद्धि होती है।

🚩5. शिवलिंग पर ईख (गन्ना) का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।

🚩6. शिव को गंगाजल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।

🚩7. मधु (शहद) से भगवान शिव का अभिषेक करने से राजयक्ष्मा (टीबी) रोग में आराम मिलता है।


शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन का फूल चढ़ाया जाए तो उसका क्या फल मिलता है-


☑️1. लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर भोग व मोक्ष की प्राप्ति होती है।

☑️2. चमेली के फूल से पूजन करने पर वाहन सुख मिलता है।

☑️3. अलसी के फूलों से शिव का पूजन करने से मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।

☑️4. शमी पत्रों (पत्तों) से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।

☑️5. बेला के फूल से पूजन करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है।

☑️6. जूही के फूल से शिव का पूजन करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।

☑️7. कनेर के फूलों से शिव पूजन करने से नए वस्त्र मिलते हैं।

☑️8. हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।

☑️9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशनकरता है।

☑️10. लाल डंठलवाला धतूरा पूजन में शुभ माना गया है।

☑️11. दूर्वा से पूजन करने पर आयु बढ़ती है।

शिव जी पूजन विधि



 


वैदिक तंत्र साधना संस्थान®

 शिव जी पूजन विधि

 नोट :- पूजन मे कोई सामग्री ना मिले तो जो मिल जाये उसी से पूजन करे

सुबह नहा धोकर किसी भी भगवान शिव के मंदिर में जाये जहाँ शिवलिंग स्थापित हो

( यदि घर पर कर रहे हो तो हाथ में चावल लेकर बोलना होता है भगवान शिव मैं आपका माता पार्वती सहित आवाहन करता हूं इस चल शिवलिंग में आकर स्थान लीजिए ) 

सर्वप्रथम शिवलिंग को प्रणाम कर प्रभु से पूजन की अनुमति लें फिर शिवलिंग को सादा जल से स्नान करवाये 
उसके बाद क्रमशः कच्चा दूध, दही, शहद, घी से स्नान करवाये 
अंत के बारीक शक्कर से हल्के हाथ से मालिश करें उसके बाद गंगाजल फिर सादा जल 

ततपश्चात साफ वस्त्र से पोंछने के बाद थोड़ा से इत्र लागये, फिर वस्त्र स्वरूप कलवा चढ़ाएं, फिर चंदन या अष्टगंध अर्पित करें , फिर चावल दें, पुष्प दें ( आकडा या मदार, धतूरा, गुलाब या जो उपलब्ध हो )
अखंडित बेलपत्र अर्पित करें, धूप - दीप अर्पित करें, भोग नवेदित करें ( अपनी इच्छा अनुसार ) ऋतुफल, पेडे, सफेद मिठाई या घर का बना पकवान दे सकते हो, जल दें 
अब कपूर से आरती करें 

ये पूजन सम्पन्न हुआ अपनी इच्छा अनुसार वहीं बेठकर चाहे मानसिक या माला से ॐ नमः शिवाय का जाप करें 

( यदि घर में कर रहे हो तो फिर सारी क्रिया संपन्न होने के बाद शक्ति को निज धाम भेजना होता है ) 
 मंत्र बोलते हुए मंत्र पोस्ट के अंत के दिया गया है

यदि आप व्रत रहते हो तो फिर शाम के पूजन के बाद शक्ति का विसर्जन होता है
व्रत का संकल्प लें ( यदि रहते हो तो )
संकल्प में स्पष्ट कहें 
कि व्रत जलाहार ,फलाहार या निराहार जैसे रहना हो कहे ,दिन ॐ नमः शिवाय का मानसिक जाप करते रहे

शाम होने पर फिर से शिव जी का पंचोपचार पूजन करे 

 *ॐ भवाय नमः*
 *ॐ शर्वाय नमः* 
 *ॐ रूद्राय नमः* 
 *ॐ पशुपताय नमः* 
 *ॐ उग्राय नमः* 
 *ॐ महानाय नमः* 
 *ॐ भीमाय नमः* 
 *ॐ ईषानाय नमः*

इन आठ नामो का जाप करें

ॐ नमः शिवाय का यथासंभव जाप करें और व्रत का पारण करें फिर भगवान शिव का पूजन करें और पूजन का विसर्जन करें

हाथ मे थोड़े से चावल लेकर निम्न मंत्र बोलें 

मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वर
यत्पूजितं माया देवं परिपूर्ण तदस्तु मे

आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम
पूजनम न जानामि क्षमस्व परमेश्वर।।'

निज मन्दिरम गछ गछ परमेश्वरा
निज मन्दिरम गछ गछ परमेश्वरी
ये दो बार बोलना है 

फिर वो चावल जमीन पर डाल दें प्रणाम करें और  खडे हो जाये

पंचोपचार पूजन में शिवलिंग को दूध, दही, घी ,गंगाजल ,छाछ ,गन्ना का रस ,पानी ,शहद आदि से स्नान कराये या जो सुलभ हो जाये उससे करा लें

किसी कामना के लिये पूजन करना चाहता है तो संकल्प में स्पष्ट बोल दें शिव जी की कृपा से वो कामना अवश्य ही शीघ्र पूरी हो जायेगी

शिव जी का ये पूजन पूजन आप परिवार सहित करे, पत्नी के साथ करने पर मनोकामना अवश्य पूरी होती है

भैरव वीरेन्द्र रुद्रनाथ अघोरी
वैदिक तंत्र साधना संस्थान®
8923400693