नवरात्रि का त्योहार साल मे दो बार आता है। एक बार होली के महीने में जिसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है और दूसरी बार दशहरे के दौरन जिसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं। दोनो ही बार 9 दिन मां के नौ रुपों की पूजा की जाती है। आठवें दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन कन्या पूजन भी होता है।
शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के पहले दिन विधि विधान से घटस्थापन (कलश स्थापन) की जाती है. घटस्थापना के लिए कुछ विशेष सामग्री का होना जरुरी है. जिसके बिना आपकी दुर्गा पूजा अधूरी है. कलश स्थापना के लिए जौ बोने के लिए चौड़े मुंह वाला मिट्टी का पात्र, स्वच्छ मिट्टी, मिट्टी या तांबे का कलश साथ में ढक्कन, कलावा, लाल कपड़ा, नारियल, सुपारी, गंगाजल, दूर्वा, आम या अशोक के पत्ते, सप्तधान्य, अक्षत, लाल पुष्प, सिंदूर, लौंग, इलायची, पान, मिठाई, इत्र, सिक्का आदि एकत्रित करें.
कलश स्थापना विधि
कलश स्थापना करने से पहले ध्यान दें कि कलश की पूर्व या उत्तर दिशा या फिर ईशान कोण में स्थापना करें.
कलश स्थापना के लिए पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और अक्षत अष्टदल बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा विराजमान करें.
इसके बाद कलश में पानी, गंगाजल, सिक्का, रोली, हल्दी गांठ, दूर्वा, सुपारी डालकर कलश स्थापित करें.
कलश में 5 आम के पत्ते रखकर उसे ढक दें. ऊपर से नारियल में कलावा बांधकर रख दें.
एक पात्र में स्वच्छ मिट्टी डालकर जौ बोएं और इसे चौकी पर रख दें.
मां की चौकी
लकड़ी की एक साफ सुधरी चौकी रखें।
गंगाजल छिड़का कर उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।
इसे कलश के दाहिने तरफ रखें। मां की प्रतिया या फोटो स्थापित करें। धूप और दीप करें। एक ज्योत ऐसी रखें जो कि नौ दिन तक जलती रहे।
मां को फल, फूल अर्पित करें। चुनरी चढ़ाएं, श्रृंगार करें।
प्रतिदिन भोग में सुपारी, लौंग का जोड़ा बतासे सहित, बूंदी का लड्डू दें
धूप जलाकर अराधना और आरती करें नौ दिन करें रोज पूजा
अधिकतर लोग नौ दिन तक व्रत रखते हैं तो उन्हें नौ दिन ही पूजा पाठ करना जरूरी है।
ध्यान रहे कि वो अन्न ना खाएं। सिर्फ फलाहार ही लें।
दुर्गा सप्तशती या दुर्गा कवच का पाठ करें, मां के मंदिर जाएं
अष्टमी के दिन कन्या पूजन जरूर करें
मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन से सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। हालांकि, कई बार लोग जाने अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जो व्रत को सफल बनाने में बाधा डाल सकते हैं। इसी कड़ी में आइए जानते हैं कि, नवरात्रि में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
नवरात्रि के 9 दिन इन बातों का विशेषकर रखें ध्यान
नवरात्रि में साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। घर के किसी भी हिस्से में धूल व गंदगी ना होने दें। मान्यता है कि जिस घर में गंदगी होती है, वहां माता लक्ष्मी का वास नहीं होता।
नवरात्रि में भूलकर भी बाल, दाढ़ी और नाखून नहीं काटने चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं, तो जीवन पर इसका अशुभ प्रभाव पड़ सकता है।
नवरात्रि में यदि कलश स्थापना और अखंड ज्योत जलाई गई हो, तो उस घर को भूलकर भी खाली ना छोड़ें। घर में हर समय कोई ना कोई सदस्य मौजूद रहना चाहिए।
नवरात्रि में दिन में सोना नहीं चाहिए। इन दिनों आप कीर्तन करें और परिवार के साथ मंदिरों में दर्शन के लिए जाएं।
इस दौरान घर में सात्विक भोजन ही बनाएं। भूलकर भी मांसाहार और तामसिक भोजन ना करें। इसके अलावा घर में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल ना करें।
नवरात्रि की पूजा में मां के प्रिय रंग लाल, पीले, गुलाबी और हरे रंग के वस्त्रों का प्रयोग करें।
इस दौरान मन को स्वच्छ रखें। किसी के बारे में गलत सोच और गलत विचार नहीं रखना है।
नवरात्रि के दौरान अनाज और दालें नहीं खानी चाहिए।
भैरव वीरेन्द्र रुद्रनाथ अघोरी
वैदिक तंत्र साधना संस्थान®
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