इस बार पितृ पक्ष 17 सितम्बर पूर्णिमा से आरंभ हो रहे हैं
आप सभी इन 16 दिनों मेमापने पितरों का पुजन्नोर उनका आशीर्वाद पा सकते है
नियमानुसार जिस तिथि को परिजन की मृत्यु हुई है इस तिथि को पितृ पक्ष में उनका पिंडदान व तर्पण करना चाहिए ताकि वह संतुष्ट हो सकते हैं और आपको आशीर्वाद दे सकें
लेकिन कभी-कभी हमें अपने पूर्वजों की तिथियां याद नहीं रहती तो इसके लिए बताए हुए विधि अनुसार आप तर्पण पूजन कर सकते हैं उससे भी आपको लाभ होगा
कुछ प्रमुख तिथियां का वर्णन में यहां कर रहा हूं
नवमी तिथि को सुहागन स्त्रियों का श्राद्ध किया जाता है
द्वादशी तिथि को साधु संन्यासियों का श्राद्ध किया जाता है साथ में इनका श्राद्ध पूर्णिमा को भिंक्या जाता है
चतुर्दशी तिथि को अकाल मृत्यु में गुजरे हुए का श्राद्ध किया जाता है
अमावस्या तिथि को सभी प्रकार के पितरों का श्राद्ध किया जाता है जिनकी तिथि ज्ञात नहीं होती है
पूर्णिमा तिथि को गुजरे हुए सभी पितरों का श्राद्ध पूर्णिमा तिथि को किया जाता है साथ में अमावस्या को भी यह श्राद्ध किया जाता है
यहां मैं आपको कुछ मंत्रों की जानकारी दे रहा हूं पितृ पूजन के साथ इनके जाप करने से आपके पितृ संतुष्ट होंगे वह आपके आशीर्वाद देंगे
पितृ गायत्री मंत्र
ॐ पितृगणाय विद्महे
जगत धारिणी धीमहि
तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
पितृ गायत्री मंत्र अकाल मृत्यु वाले पूर्वजों के लिए
ॐ आद्य-भूताय विद्महे
सर्व-सेव्याय धीमहि।
शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।
सर्व पितृ दोष नाशक मंत्र
ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च।
नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।
कुछ उपाय करेंगे आपका कल्याण
पूर्ण पितृ पक्ष सूर्योदय से पूर्व स्नान करके सूर्य देव को काले तिल डालकर जल अर्पित करें।
इसके बाद गायत्री मंत्र का जाप करें, इससे मानसिक शांत प्राप्त होगी।
पितृ पक्ष में पेड़-पौधे को लगाने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है, इससे ग्रह दोष भी दूर हो जाता है।
पूर्ण पितृ पक्ष तिथि अनुसार अपने पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्ध करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
पूर्ण पितृ पक्ष शिव मंदिर में पूजा करें, इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
पितृ पक्ष में अपने पितरों के निमित दान देने से पितर प्रसन्न होते हैं, वंश को सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं।
भैरव वीरेन्द्र रूद्रनाथ अघोरी
वैदिक तंत्र साधना संस्थान
8923400693