निवेदन :- जब तक अति आवश्यक ना हो तब तक कोई भी ऐसा कृत्य ना करें जैसे मारण या प्रताड़ना देना
यह आप तभी करें जब शिकार और शिकारी वाली स्थिति बन रही हो
यदि आपको लगता है कि आपका शत्रु आप का दमन कर देगा तो उसका दमन आप पहले करें
इस क्रिया विधान को यहां देने का मुख्य कारण केवल यही है कि जरूरत पड़ने पर आप अपना रक्षण कर सकें
चेतावनी :- बिना गुरु आज्ञा के या बिना गुरु पूजन के यह क्रिया सम्पन्न ना करें, परिणाम प्राणघातक हो सकते हैं
साधना
दिया जाने वाला मंत्र पूरी तरह से प्रमाणित है परीक्षित है इसका प्रयोग मैंने कई साधकों से करवाया है
और सफल परिणाम मिले हैं
आपको आवश्यकता होगी शत्रु के फोटो की, उसके नाम ,पता और उसकी मां का नाम
फोटो के पीछे लोहे की कलम से चाहे कील हो या आलपिन हो काजल से शत्रु का नाम, उसकी मां का नाम और उसका पूरा पता लिखना है और उस फोटो को भोजपत्र में लपेट देना है अब उसे कलावे से बांध देना है
शनिवार वाली रात 10:00 बजे काले वस्त्र पहनकर काले आसन पर दक्षिण मुख बैठना है
अपने सामने लकड़ी के पाटे पर या चौकी पर एक काला कपड़ा बिछाये उस पर जो फोटो आपने भोजपत्र में बांधकर तैयार की है उसे रखें बीच में उसके ऊपर सरसों के तेल का दीपक रखें ऑडी बाती का दीपक जलाएं
सर्वप्रथम आपको अपने गुरु का पूजन करना है सात्विक विधि से भोग में लड्डू देना है अपने इष्ट का पूजन करना है
भोग में लड्डू देना है
अब आपको कपाल रुद्र का पूजन करना है इन्हें आपको लड्डू देना है और देसी शराब की धार देनी है फिर आपको चामुंडा माता का पूजन करना है और इन्हें भी लड्डू और शराब की धार लगेगी
सब से हाथ जोड़कर प्रार्थना करनी है कि जो मंत्र अनुष्ठान आप कर रहे हो वह सफल हो अब आपको संकल्प लेना है
कि मैं अपने शत्रु के नाश के लिए या उसे प्रताड़ित करने के लिए दिए गए मंत्र का इतने माला का जाप कर रहा हूं
इसके फलस्वरूप मेरे शत्रु का दमन हो नाच हो या जो भी आपको उसे दंड देना है वह बोल सकते हो
अब रुद्राक्ष की माला से 11 माला इस मंत्र का जाप करना है 3 दिन लगातार
यदि आपको भय हो तो आप सुरक्षा कवच लगा सकते हो अन्यथा आवश्यकता नहीं है
अनुभव हो सकते हैं थोड़े डरावने भी हो सकते हैं चीखने चिल्लाने की आवाज आ सकती हैं
घबराने की आवश्यकता नही है क्योंकि इसमें चलने वाली दोनों शक्तियां उग्र ओर तामसिक हैं
मंत्र :-
ओम नमः **************- वीर्य - पराक्रम ***********,
मारे ************************************** कोर
नमः कपाल ******************************** स्वाहा।।
( पूर्ण मंत्र जानने के लिए हमारे नम्बरों पर सम्पर्क करें )
नोट:- मंत्र में जहां अमुक शब्द है वहां शत्रु का नाम लेना है
साधना के दौरान आपको जमीन पर उसी कमरे में सोना है जहां आप साधना कर रहे हो
ब्रह्मचर्य का पालन करना है
शराब मांस मछली का सेवन नहीं करना है स्त्री गमन नहीं करना है
3 दिन में ही शत्रु तड़पने लगेगा मानसिक प्रताड़ना उसे मिलना शुरू हो जाएगी उसके घर में भी आपसी कलह के बाद विवाद होने लग जाएंगे
शत्रु की खबर लेते रहे पूरी क्रिया के दौरान आप को जितना उसे तड़पाना है उतना करें
भैरव वीरेन्द्र रूद्रनाथ अघोरी
वैदिक तंत्र साधना संस्थान
8923400693