Thursday, August 31, 2023

शत्रु नाशक मंत्र साधना / Shatru Nashak Sadhana

 



निवेदन :- जब तक अति आवश्यक ना हो तब तक कोई भी ऐसा कृत्य ना करें जैसे मारण या प्रताड़ना देना 

यह आप तभी करें जब शिकार और शिकारी वाली स्थिति बन रही हो 

यदि आपको लगता है कि आपका शत्रु आप का दमन कर देगा तो उसका दमन आप पहले करें 

इस क्रिया विधान को यहां देने का मुख्य कारण केवल यही है कि जरूरत पड़ने पर आप अपना रक्षण कर सकें


चेतावनी :- बिना गुरु आज्ञा के या बिना गुरु पूजन के यह क्रिया सम्पन्न ना करें, परिणाम प्राणघातक हो सकते हैं


साधना 

दिया जाने वाला मंत्र पूरी तरह से प्रमाणित है परीक्षित है इसका प्रयोग मैंने कई साधकों से करवाया है 

और सफल परिणाम मिले हैं

आपको आवश्यकता होगी शत्रु के फोटो की, उसके नाम ,पता और उसकी मां का नाम

फोटो के पीछे लोहे की कलम से चाहे कील हो या आलपिन हो काजल से शत्रु का नाम, उसकी मां का नाम और उसका पूरा पता लिखना है और उस फोटो को भोजपत्र में लपेट देना है अब उसे कलावे से बांध देना है

शनिवार वाली रात 10:00 बजे काले वस्त्र पहनकर काले आसन पर दक्षिण मुख बैठना है 

अपने सामने लकड़ी के पाटे पर या चौकी पर एक काला कपड़ा बिछाये उस पर जो फोटो आपने भोजपत्र में बांधकर तैयार की है उसे रखें बीच में उसके ऊपर सरसों के तेल का दीपक रखें ऑडी बाती का दीपक जलाएं 

सर्वप्रथम आपको अपने गुरु का पूजन करना है सात्विक विधि से भोग में लड्डू देना है अपने इष्ट का पूजन करना है 

भोग में लड्डू देना है 

अब आपको कपाल रुद्र का पूजन करना है इन्हें आपको लड्डू देना है और देसी शराब की धार देनी है फिर आपको चामुंडा माता का पूजन करना है और इन्हें भी लड्डू और शराब की धार लगेगी 

सब से हाथ जोड़कर प्रार्थना करनी है कि जो मंत्र अनुष्ठान आप कर रहे हो वह सफल हो अब आपको संकल्प लेना है

कि मैं अपने शत्रु के नाश के लिए या उसे प्रताड़ित करने के लिए दिए गए मंत्र का इतने माला का जाप कर रहा हूं 

इसके फलस्वरूप मेरे शत्रु का दमन हो नाच हो या जो भी आपको उसे दंड देना है वह बोल सकते हो     


अब रुद्राक्ष की माला से 11 माला इस मंत्र का जाप करना है 3 दिन लगातार 

यदि आपको भय हो तो आप सुरक्षा कवच लगा सकते हो अन्यथा आवश्यकता नहीं है

अनुभव हो सकते हैं थोड़े डरावने भी हो सकते हैं चीखने चिल्लाने की आवाज आ सकती हैं 

घबराने की आवश्यकता नही है क्योंकि इसमें चलने वाली दोनों शक्तियां उग्र ओर तामसिक हैं 


मंत्र :- 


ओम नमः **************- वीर्य - पराक्रम ***********, 

मारे ************************************** कोर 

नमः कपाल ******************************** स्वाहा।।

( पूर्ण मंत्र जानने के लिए हमारे नम्बरों पर सम्पर्क करें )


नोट:-  मंत्र में जहां अमुक शब्द है वहां शत्रु का नाम लेना है

साधना के दौरान आपको जमीन पर उसी कमरे में सोना है जहां आप साधना कर रहे हो 

ब्रह्मचर्य का पालन करना है 

शराब मांस मछली का सेवन नहीं करना है स्त्री गमन नहीं करना है


3 दिन में ही शत्रु तड़पने लगेगा मानसिक प्रताड़ना उसे मिलना शुरू हो जाएगी उसके घर में भी आपसी कलह के बाद विवाद होने लग जाएंगे

शत्रु की खबर लेते रहे पूरी क्रिया के दौरान आप को जितना उसे तड़पाना है उतना करें


भैरव वीरेन्द्र रूद्रनाथ अघोरी

वैदिक तंत्र साधना संस्थान

8923400693


पूज्य श्री भैरव वीरेन्द्र गुरुजी/ Bhairav Virendra Guruji

 



तंत्र एक ऐसा शब्द है जिसे सुनकर मनुष्य को एक अजीब सा डर होने लगता है 

समाज में तंत्र को लेकर कई भ्रांतियां हैं जिससे लोग डरते हैं लोग समझते हैं तंत्र केवल लोगों का और समाज का अमंगल ही करता है ऐसा नहीं है गुरुजी उद्देश्य लोगों में तंत्र के प्रति फैलने वाली भ्रांतियां को तोड़ना है तंत्र से होने वाले जनकल्याण को समाज के लोगों को बताना है

वीरेंद्र जी की बाल्यकाल से ही तंत्र-मंत्र व यंत्र के प्रति रुचि रही है

लगभग 10 वर्ष की आयु से ही इन्होंने अपने ईष्ट को गुरु मानकर कई दुर्लभ साधनाएं संपन्न की हैं 

उसके बाद भैरव वीरेंद्र जी को पूज्य श्री हरेश गुरु जी का सानिध्य प्राप्त हुआ पूज्य हरेश गुरु जी ने ईस्ट मंत्र द्वारा वीरेंद्र जी की दीक्षा संपन्न की दीक्षा के बाद वीरेंद्र जी ने पूज्य हरेश गुरु जी के सानिध्य में कई साधना संपन्न की 

वह उज्जैन के विक्रांत भैरव शमशान , चक्रतीर्थ शमशान , तारापीठ शमशान, गुवाहाटी के भूतेश्वर शमशान , कोलकाता के कालीघाट शमशान में अनेक प्रकार की साधना संपन्न की और अपनी शक्तियों का विस्तार किया


पूज्य हरेश गुरु जी द्वारा अघोर दीक्षा संपन्न करके दुर्लभ शमशान भैरव साधना पूर्ण की इसी वजह से पूज्य गुरुदेव द्वारा भैरव उपाधि प्रदान की गई 

और तंत्र जगत में एक नया नाम भैरव वीरेन्द्र रुद्रनाथ अघोरी हुआ  जो की तंत्र शक्ति द्वारा समाज कल्याण व परोपकार के कार्य वह आज भी कर रहे हैं 

और तंत्र मार्ग में आगे बढ़ रहे हैं तथा समाज को तंत्र के प्रति जागरूक कर रहे हैं



भैरव वीरेंद्र जी आज भी साधकों को तंत्र दीक्षा देकर तंत्र ,मंत्र,  यंत्र ,ज्योतिष ,सिद्धि साधनाओ का अध्ययन करा रहे हैं 

वह समाज की तंत्र के लिए जो गलत सोच है उसे बदलने का कार्य कर रहे हैं 

हमारे इस ब्लॉक का यही उद्देश्य है की समाज में तंत्र के प्रति जो गलत धारणा है उसे तोड़ना और समाज को सत्यता से अवगत कराना व तंत्र के जिज्ञासु साधकों को सच्चा और बेहतर तंत्र सीखना है 


भैरव वीरेन्द्र रुद्रनाथ अघोरी 

वैदिक तंत्र साधना संस्थान

8923400693

एक परिचय / Prichay



पु
ष्पा देवी ज्योतिष व तंत्र मंत्र शक्ति साधना फाउंडेशन® 

जो कि भारत सरकार द्वारा ( Saction 8 of the companies Act ,2013 ) में रजिस्टर्ड है 

जिसका रजिस्ट्रेशन नम्बर U5300UP2022NPL159891 है 

जिसका मुख्य व्यवसायिक कार्यालय - फरह जिला मथुरा ( उ.प्र.), पिन कोड 281122 है 

जिसके प्रथम डारेक्टर वीरेन्द्र सिंह निवासी आगरा (उ.प्र ) हैं 


हमारी संस्था द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब पर वैदिक तंत्र साधना संस्थान® के नाम से एक चैनल चल रहा है 

जिसको की स्वयं तंत्राचार्य , ज्योतिषाचार्य, पराशक्तियों के जानकार व सिद्धि साधनाओं में पारंगत श्री भैरव वीरेन्द्र गुरुजी संचालित कर है 

संस्था का मुख्य कार्य लोगो को धर्म, ईश्वर, आस्था के प्रति फैल रहे पाखंड अंधविश्वास से सजग करना व तंत्र मंत्र ,के नाम पर हो रही लूट, जालसाजी से बचाना व सही मार्गदर्शन करना है 

इस उद्देश्य के अंतर्गत समाज मै ज्योतिष, धर्म, तंत्र से जुड़ी गलत धारणा को समाज से दूर करना वा इसके अंतर्गत जो लोग समाज के साथ तंत्र के नाम से समाज को वर्गला कर अपने स्वार्थ को सिद्ध कर रहे हैं उस से अवगत करवाना है।

अंधविश्वास को बढ़ावा देने वाली विचार धारा को जिससे लोग भ्रमित हो रहे हो अनेको प्रकार से ठगी होने की रोकथाम के लिए लोगो को सत्य व सही जानकारी लोगो तक पहुंचना।

समाज कल्याण हेतु व उनके निवारण हेतु हम ज्ञान, प्रसार करने हेतु हमारी संस्था कार्यरत है

यहां हम समाज को ईश्वर की भक्ति के द्वारा व प्राचीन वैदिक मंत्र प्रयोगों द्वारा उनके जीवन की समस्याओं के निवारण के लिए सदैव तत्पर है


नोट:– हमारी संस्था किसी भी प्रकार की बलि प्रथा को बढ़ावा नही देती और ना ही किसी जीवित या मृत जीव के अंगों का प्रयोग करने वाली साधना का प्रकासन करती 


भैरव वीरेन्द्र रूद्रनाथ अघोरी

वैदिक तंत्र साधना संस्थान

8923000693