Saturday, September 02, 2023

श्री गुरु चरण पूजन विधि व स्त्रोत/ Shree Guru Charan Pujan Wa Strotra

 


गुरू पूजन देव पूजन से भी उत्तम है जो शिष्य नित्य गुरू पूजन करते है

उनकी सभी साधना निर्विध्न पूर्ण होती है और पूरी सफलता प्राप्त होती है

देव कृपा से अधिक गुरू कृपा की महत्ता है  इसलिये हमे गुरू पूजन अनिवार्य

रूप से नित्य करना चाहिये


जिन साधको ने गुरू से दीक्षा ली है वो गुरू द्वारा दिये गये गुरू मंत्र से पूजन करे

जिनके पास गुरू मंत्र नही है वो मेरे दिये इस मंत्र द्वारा पूजन करे

ओम ह्रीम गुरो प्रसीद प्रसीद नमस्तुभ्यम्


गुरू की तस्वीर सामने स्थापित करे , गुरू पूजन का संकल्प ले, गुरूजी का आवाहन करे


पूजन के लिये आप घी का दीपक लगाये ,अगर बत्ती जलाये  ,सेन्ट  ,चन्दन , पुष्प ,चावल ,वस्त्र ,फल ,  मिठाई , जल  आदि पंचोपचार पूजन करे गुरू स्त्रोतो का पाठ करे  यथा शक्ति गुरू मंत्र  का पाठ करे


 गुरूजी से कृपा प्राप्ति का आर्शिवाद ले

पूजन का विसर्जन  करे


गुुरू स्त्रोत    ------

गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु

गुरूदेवो महेश्वर

 गुरू साक्षात परम ब्रह्म

तस्मै श्री गुरवै नमः


ध्यानम् मूलं गुरू मूर्ति

पूजा मूलं गुरो पदमं

मंत्र मूलं गुरू वाक्यम्

मोक्ष मूलं गुरू कृपा


त्वमेव माता च पिता त्वमेव

त्वमेव बंधु च सखा त्वमेव

त्वमेव विधा द्रवणम् त्वमेव

त्वमेव सर्वम्  मम् देव देव  


गुरू गंगा गुरू गोमती

गुरू देवां रा देव

गुरू सू चेला आगला

करे गुरॉ री सेव


गुरू गोविन्द दोऊ खडे

काकै लागूं पाय

बलिहारी गुरू आपने

गोविन्द दियो बताय


 सब धरती कागज करूं

 लेखनि सब वनराय

सात समुद्र की मसि करूं

गुरू गुन लिखा न जाय


मात पिता तो फेर मिले

लख चौरासी माय

गुरू सेवा चरण बन्दगी

फेर मिलन की नाय


गुरू बिन भव निधि तरय न कोई

जो विरंचि शंकर सम होई


यह तन विष की बेलरी

गुरू अमृत की खान

 शीश दिये जो गुरू मिलैं तौ भी सस्ता जान


श्री गुरू चरन है चन्द्रमा  सेवक

 नयन चकोर

अष्ट प्रहर निरखत रहूं

श्री गुरू चरनो की ओर


भैरव वीरेन्द्र रूद्रनाथ अघोरी

वैदिक तंत्र साधना संस्थान

8923400693


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